Birbal a Adviser of Akbar.
महेश दास, (1528 — 16 फरवरी 1586) जो बीरबल के नाम से अधिक प्रसिद्ध हैं, ...
धर्म: हिन्दू धर्म, दीन ए इलाही
जन्म: पण्डित महेश दास भट्ट; 1528; सीधी मध्यप्रदेश, भारत
अकबर से मिलन संबंधी अनेक कथाएं प्रचलित है। सबसे प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार बादशाह अकबर ने अपने एक पान का बीड़ा लगाने वाले नौकर को एक "पाओभर" (आज का लगभग 250 ग्राम) चूना लेकर आने को कहा। नौकर किले के बाहर दुकान करने वाले पनवाड़ी से पाओभर चूना लेने गया। इतना सारा चूना ले जाते देख पनवाड़ी को कुछ शक होता है। इसलिए बीरबल नौकर से पूरा घटनाक्रम जानता है, और कहता है कि बादशाह यह चूना तुझको ही खिलवायेगा। तेरे पान में लगे ज्यादा चूने से बादशाह की जीभ कट गई है, इसलिए यह सब चूना तुझे ही खाना पड़ेगा। इसलिए इतना ही घी भी ले जा, जब बादशाह चूना खाने को कहे तो चूना खाने के बाद घी पी लेना।
नौकर दरबार मे चूना लेकर जाता है, और बादशाह नौकर को वह सारा पाओभर (250 ग्राम) चूना खाने का आदेश देता है। नौकर वह सारा चूना खा लेता है, लेकिन उस पनवाड़ी बीरबल की सलाह के अनुसार घी भी पी लेता है। अगले दिन जब बादशाह का वह नौकर पुनः जब राज दरबार पहुचता है, तो अकबर उसे जीवित देख आश्चर्य से उसके जीवित बचने का कारण जानता है। नौकर सारी बात बादशाह को बताता है, कि कैसे किले के बाहर के पनवाड़ी की समझ-बूझ से वह बच सका। बादशाह उस पनवाड़ी की बुद्धिमत्ता से प्रभावित हो उसे दरबार मे बुलवाते है। इस प्रकार बादशाह अकबर और बीरबल का पहली बार आमना सामना होता है। और अकबर ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति को अपने दरबार मे स्थान देते हैं।
अकबर के दरबार में अकबर ने इन्हें "बीरबल" का खिताब दिया, चलते चलते वह बीरबल होगया।
राजा बीरबल को कई बार बादशाह 
अकबर दरबार मेंऐसे सवाल पूछ लिया करते थे जिनका
जवाब देन बहुत कठिन हो जाता था परंतु
राजा बीरबल अपनी
बुद्धिमानी से प्रसिद्ध थे इस कारण वह सभी प्रश्नों
का उत्तर आसानी से दे देते थे।
अकबर के दरबार में बीरबल का ज्यादातर कार्य सैन्य और प्रशासनिक थे तथा वह सम्राट का एक बहुत ही करीबी दोस्त भी था, सम्राट अक्सर बुद्धि और ज्ञान के लिए बीरबल की सराहना करते थे। ये कई अन्य कहानियो, लोककथाओं और कथाओ की एक समृद्ध परंपरा का हिस्सा बन गए हैं।
अकबर दरबार मेंऐसे सवाल पूछ लिया करते थे जिनका
जवाब देन बहुत कठिन हो जाता था परंतु
राजा बीरबल अपनी
बुद्धिमानी से प्रसिद्ध थे इस कारण वह सभी प्रश्नों
का उत्तर आसानी से दे देते थे।
अकबर के दरबार में बीरबल का ज्यादातर कार्य सैन्य और प्रशासनिक थे तथा वह सम्राट का एक बहुत ही करीबी दोस्त भी था, सम्राट अक्सर बुद्धि और ज्ञान के लिए बीरबल की सराहना करते थे। ये कई अन्य कहानियो, लोककथाओं और कथाओ की एक समृद्ध परंपरा का हिस्सा बन गए हैं।
Birbal, or Raja Birbal, was a Kayastha Hindu advisor and main commander of army in the court of the Mughal emperor, Akbar. He is mostly known in the Indian subcontinent for the folk tales which focus on his wit. Birbal was appointed by Akbar as a Minister and used to be a Poet and Singer in around 1556–1562.
Born: 1528, Sidhi
Died: 16 February 1586, Karakar Pass
Full name: Mahesh Das
Successor: Tansen (disputed); Jyotish Govind (astrologer to Akbar, but it is half-disputed)
Children: Saudamini dubey
Parents: Ganga Das, Anabha Davito

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